परिचय-
शरीर को स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए विटामिनों के महत्वपूर्ण योगदान से इन्कार नहीं किया जा सकता है। शरीर के समुचित पोषण के लिए विटामिन अति आवश्यक सहायक तत्व हैं। आधुनिक काल में विटामिनों की खोज के बाद इनका प्रचलन तेजी से जोर पकड़ चुका है। सभी विटामिन जो अब तक चिकित्सा विज्ञानियों ने खोज निकाले हैं वे सब एक दूसरे पर निर्भर हैं। ये हमारे भोजन में काफी कम मात्रा में होकर भी हमारे शरीर को नई जीवन शक्ति देते हैं। इनकी कमी से शरीर रोगग्रस्त हो जाता है। जब विटामिनों की किसी कारणवश शरीर में पूर्ति हो पाना सम्भव नहीं होता तब यह कमी मृत्यु का कारण बन जाती है।
विटामिन ऐसे आवश्यक कार्बनिक पदार्थ हैं, जिनकी अल्प मात्राएं सामान्य चयापचय और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। ये विटामिन शरीर में स्वत: पैदा नहीं हो सकते, इसलिए इन्हें भोजन से प्राप्त किया जाता है। इनका कृत्रिम रूप से भी उत्पादन किया जाता है।
समुचित मात्रा में विटामिन प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को ताजा भोजन ही करना चाहिए। भोजन पकाने में असावधानी बरतने, सब्जियों को काफी देर तक उबालने, इन्हें तेज रोशनी में रखने आदि से इन वस्तुओं में मौजूद विटामिन नष्ट हो जाते हैं। विटामिनों को दो वर्गो में विभजित किया गया है- वसा विलेय (soluble) और जल विलेय
वसा विलेय विटामिन-
विटामिन `ए´ (रेटिनोल), डी, ई (टेकोफेरोल) और विटामिन बी-1 (थायामिन), बी-2 (राइबोफ्लेविन), नियासीन (निकोटिनिक अम्ल), पेण्टोथेनिक अम्ल, बायोटिन, विटामिन बी-12 (साइनोकैबैलेमाइन), फोलिक अम्ल और विटामिन सी (ऐस्कॉर्बिक अम्ल) जल में विलेय विटामिन है।
कुछ आवश्यक विटामिन
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विटामिन
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श्रेष्ठ स्रोत
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भूमिका
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आर.ड़ी.ए.
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विटामिन-ए
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दूध, मक्खन, गहरे हरे रंग की सब्जियां शरीर पीले और हरे रंग के फल व सब्जियों में मौजूद पिग्मैंट कैरोटीन को भी विटामिन ‘ए’ में बदल देता है।
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यह ऑख के रेटिना, सरीखी शरीर की झिल्लियों, फेफड़ों के अस्तर और पाचक-तंत्र प्रणाली के लिए आवश्यक है।
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1 ग्राम.
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थायमिन-बी1
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साबुत अनाज, आटा दालें, मेवा, मटर और फलियां
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यह कार्बोहाइड्रेट के ज्वलन को सुनिश्चित करता है।
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1.0-1.4 मि.ग्राम
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राइबोफ्लैविन-बी2
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दूध, पनीर
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यह ऊर्जा रिलीज और रख-रखाव के लिए सभी कोशिकाओं के लिए आवश्यक है।
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1.2-1.4 मि.ग्राम
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नियासीन
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साबुत अनाज, आटा और एनरिच्ड अन्न
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यह ऊर्जा रिलीज और रख-रखाव के लिए सभी कोशिकाओं के लिए आवश्यक होती है।
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13-19 मि.ग्राम
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पिरीडॉक्सिन- बी6
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साबुत अनाज, दूध
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रक्त कोशिकाओं और तंत्रिकाओं को समुचित रूप से काम करने के लिए इसकी जरूरत होती है।
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लगभग 2 मि.ग्रा
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पेण्टोथेनिक अम्ल
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गिरीदार फल और साबुत अनाज
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ऊर्जा पैदा करने के लिए सभी कोशिकाओं को इसकी जरूरत पड़ती है।
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4-7 मि.ग्रा
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बायोटिन
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गिरीदार फल और ताजा सब्जियां
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त्वचा और परिसंचरण-तंत्र के लिए आवश्यक है।
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100-200 मि.ग्रा
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विटामिन-बी12
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दुग्धशाला उत्पाद
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लाल रक्त कोशिकाओं, अस्थि मज्जा-उत्पादन का साथ-साथ तंत्रिका-तंत्र के लिए आवश्यक है।
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3 मि. ग्रा
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फोलिक अम्ल
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ताजी सब्जियां
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लाल कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है।
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400 मि.ग्रा
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विटामिन- सी
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सभी रसदार फल, टमाटर कच्ची बंदगोभी, आलू, स्ट्रॉबेरी
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हड्डियों, दांत और ऊतकों के रख-रखाव के लिए आवश्यक है।
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60 मि.ग्रा
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विटामिन-डी
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दुग्धशाला उत्पाद, बदन में धूप सेकने से कुछ एक विटामिन त्वचा में भी पैदा हो सकते है।
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रक्त में कैल्सियम का स्तर बनाए रखने और हड्डियों के संवर्द्दन के लिए आवश्यक है।
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5-10 मि.ग्रा
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विटामिन-ई
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वनस्पति तेल और अनेक दूसरे खाद्य-पदार्थ
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वसीय तत्वों से निपटने वाले ऊतकों तथा कोशिका झिल्ली की रचना के लिए जरूरी है।
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8-10 मि.ग्रा
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