Tuesday, November 26, 2019

पैरों का कष्ट (Feet problem) Homeopathic medicine

पैरों का कष्ट (Feet problem)


पैरों से सम्बन्धित कई प्रकार के कष्ट होने पर उपचार :-
पैर ठण्डे होते जाना :-
इस प्रकार के लक्षण होने पर उसे दूर करने के लिए कार्बोज वेज की 30 शक्ति या सिस्टस की 30 शक्ति का उपयोग करना चाहिए और यदि पैर सुन्न हो गए हो, ऐंठन हो रही हो तो चिकित्सा करने के लिए सिकेल औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।

ज्यादा चलने से पैरों में दर्द होना :-
इस प्रकार के दर्द पैरों में होने पर आर्निका औषधि की 3 शक्ति हर दो घंटे में देनी चाहिए। इसके अतिरिक्त एक गैलन गर्म पानी में आर्निका मूलार्क का 3.5 मिलीलीटर डालकर उसमें पैरों को डुबोकर रखने से लाभ होता है।

पैरों में दर्द होना :-
पैर भारी महसूस होना, चला भी न जाना, ऐड़ी में ऐसा दर्द होना कि मानो सूइयों पर चल रहे हो, आराम करने पर दर्द बढ़ना और हाथ-पैर हिलाने पर दर्द घटना आदि लक्षण होने पर रस टॉक्स औषधि का उपयोग करना चाहिए।

पिण्डलियों में दर्द होना :-
सुबह के समय में उठते ही पिण्डलियों में दर्द होना या रात को सोते समय पिण्डलियों में दर्द होना, ठण्ड से यह दर्द बढ़ना, सुबह घूमने-फिरने से दर्द कम होना या रात को दबाने व सेकने से चैन पड़ना। इस प्रकार के लक्षण को दूर करने के लिए क्यूप्रम 3x की मात्रा का उपयोग शाम के समय में करना चाहिए।

गिट्टे का सूजना :- 
गिट्टे सूज गए हो, उनमें दर्द हो रहा हो, सुबह के समय में पैरों में अकड़न हो, पैर भारी महसूस हो रहे हो, एड़ियों में ऐसा दर्द मानो चोट की रगड़ लग गई हो, पैर के दाएं अंगूठे और अंगुलियों में दर्द हो तो लीडम औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग प्रति चार घंटे पर उपयोग करना चाहिए।

पैरों का सूजना :-
रोगी को ऐसा महसूस हो रहा हो कि जैसे पैर सूज गए हैं एवं अकड़ रहे हैं तो एपिस औषधि की 3x मात्रा प्रति चार घंटे में दो बार उपयोग करना चाहिए।

अंगूठों पर सूजन होना :-
अंगूठों में दर्द हो रहा हो तो कॉलोफाइलम की 1 शक्ति की प्रति मात्रा चार घंटे पर उपयोग करना चाहिए।

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