Thursday, November 28, 2019

जबड़े की हड्डी का सड़ना (Caries or Necrosis) Homeopathic medicine

जबड़े की हड्डी का सड़ना (Caries or Necrosis)


परिचयः जबड़े की हड्डी के किसी भाग का मृत हो जाना जिसके चारों ओर का स्थान स्वस्थ रहता है, नेक्रोसिस (जबड़े की हड्डी का सड़ना) कहलाता है। यह मुख्यतः निम्न प्रकार का होता है-
1. एनेमिक नेक्रोसिस- खून की कमी से शरीर के प्रभावित भाग की रक्त आपूर्ति कम हो जाने से उस भाग में पैदा नैक्रोसिस।
2. एसेप्टिक नेक्रोसिस- संक्रमण से रहित होने वाला नैक्रोसिस।
3. चीजी नेक्रोसिस- ऐसा नेक्रोसिस जिसमें ऊतक पनीर के जैसा बन जाता है जैसाकि अक्सर क्षय रोग और सिफिलिस में देखा जाता है, किलाटी नेक्रोसिस।
4. कौगुलेशन नेक्रोसिस- ऐसा नेक्रोसिस जिसका परिगलित क्षेत्र जम जाता है, आतंची नेक्रोसिस।
6. इबोलिक नेक्रोसिस- अन्तःशल्य के परिणामस्वरूप होने वाला नेक्रोसिस।
7. फोकल नेक्रोसिस- छोटे-छोटे छितरे हुए क्षेत्रों में स्थिर नैक्रोसिस जो ज्यादा संक्रमण में देखे जाते हैं।
8. गम्मेटस नेक्रोसिस- सिफिलस के गम्मा में होने वाला नेक्रोसिस। Gummatous necrosis-
9. लिक्वीफैक्टिव नेक्रोसिस- ऊतकों के द्रवीकरण से होने वाला नेक्रोसिस।
10 मॉयस्ट नेक्रोसिस- नेक्रोसिस जिसके साथ मृत ऊतक कोमल और नम हो जाता है, आर्द नेक्रोसिस।
11. प्युट्रीफैक्टिव नेक्रोसिस- परजीवाणु विघटन के द्वारा उत्पन्न होने वाला नेक्रोसिस।
12. रेडियेशन नेक्रोसिस- विकिरण के प्रति अनावृत होने से उत्पन्न नेक्रोसिस।
13.थ्रॉम्बोटिक नेक्रोसिस- घनास्त्र या थ्रॉम्बस के बनने के कारण पैदा होने वाला नेक्रोसिस।
रोग और उसमें प्रयोग की जाने वाली औषधियां :-
1. ऐरम-ट्रिफाइलम :- जबड़े के जोड़ों में दर्द होने पर ऐरम-ट्रिफाइलम औषधि की 3 से 30 शक्ति का उपयोग करना हितकारी होता है। इसके प्रयोग से दर्द में आराम मिलता है।
2. फॉस्फोरस :- यदि किसी व्यक्ति के जबड़े के नीचे व बाएं भाग में किसी प्रकार का जख्म हो गया हो तो उसेफॉस्फोरस औषधि की 30 शक्ति का सेवन करना चाहिए।
3. क्यूप्रम-मेटैलिकम :- पूरे जबड़े में ऐंठन सा दर्द होता है या नीचे के जबड़े में दर्द होता है। जबड़े का ऐसा दर्द जो हल्का सा छू भी दें तो दर्द तेज हो जाता है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को क्यूप्रम-मेटैलिकम औषधि की 6 या 30 शक्ति का सेवन करना चाहिए।
4. पैसीफ्लोरा :- बच्चे में दांत निकलते समय कई प्रकार के रोग होते हैं। इन रोग में जबड़े की हड्डी का सड़ना भी एक एक प्रकार का रोग है। अत: दांत निकलते समय बच्चे के जबड़े में किसी प्रकार का कष्ट हो तो पैसीफ्लोराऔषधि के मूलार्क का प्रयोग करना हितकारी होता है।
5. हेक्ला-लावा :- जबड़े की हड्डी बढ़ जाने पर हैक्ला-लावा औषधि की 3x मात्रा का उपयोग करने से जबड़े की बढ़ी हुई हड्डी सामान्य हो जाती है।
6. पेट्रोलियम :- जबड़े का अपने स्थान से हट जाना या अटक जाना आदि रोग में पेट्रोलियम औषधि की 30 या 200 शक्ति का उपयोग करना लाभदायक होता है।
7. हाइपेरिकम :- इस औषधि का प्रयोग जबड़ा अटक जाने पर करने से जबड़े का अटकना समाप्त होकर अपने सामान्य स्थिति में आ जाता है। जबड़ा अटकने पर रोगी को हाइपेरिकम औषधि की 6 शक्ति का सेवन करना चाहिए। इस औषधि की विशेष क्रिया स्नायु पर होती है। इसलिए चोट लगने के कारण स्नायु में उत्पन्न रोग में हाइपेरिकम औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग किया जाता है।
8. साइलीशिया :- किसी कारण से जबड़े की हड्डी अटक जाना या जबड़े के नीचे की हड्डी का जख्म होना या सूज जाने पर जबड़ें के रोग में रोगी को पहले ऊपर बताए गए औषधियों में से कोई भी औषधि दें। यदि उससे लाभ न मिले तो साइलीशिया औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।


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