Saturday, November 16, 2019

कर्ण नाद Tinnitus Aurium Homeopathic medicine

कर्ण नाद (Tinnitus Aurium)

परिचय- इस रोग से पीड़ित रोगी के कानों में अजीब-अजीब सी आवाजें सुनाई पड़ती हैं जैसे- सों-सों, फस्-फस् या गुन-गुन आदि। यह रोग कई प्रकार के कान से संबन्धित या स्नायविक कमजोरी उत्पन्न होने के कारण होता है। जब यह रोग अधिक बढ़ जाता है तो रोगी धीरे-धीरे बहरा भी होने लगता है।
विभिन्न औषधियों से चिकित्सा :-
1. एसिडफास्फोरिक :- यदि कान में घंटे की आवाजें और गुनगुन की आवाजें सुनाई दे रही हो तो उसे ठीक करने के लिए एसिडफास्फोरिक औषधि की 3 या 30 शक्ति का सेवन करने से अधिक लाभ मिलता है।
2. पाइलोकारपीन :- कर्णनाद रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि की 2X मात्रा का उपयोग करना चाहिए।
3. एसिड-नाई :- क्विनाइन का अधिक उपयोग करने के कारण उत्पन्न इस प्रकार के रोग का उपचार करने के लिए एसिड-नाई औषधि की 6 शक्ति का सेवन करने से अधिक लाभ मिलता है।
4. चायना :- औषधि की 200 शक्ति का उपयोग कर्णनाद (कान में आवाज होना) रोग को ठीक करने के लिए उपयोग में लाया जाता है, जब यह रोग क्विनाइन के उपयोग के कारण हुआ हो तब इसका उपयोग और भी लाभकारी होता है।
5. बेलेडोना :- मस्तिष्क में रक्त जमा होने के कारण यह रोग हुआ हो तो बेलेडोना औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का उपयोग लाभकारी होगा।
6. किनिन-सल्फ :- कान में भनभनाहट, बादल की गरजन, हिस्-हिस् या संगीत सुनाई दें तो उसे ठीक करने के लिए किनिन-सल्फ औषधि की 3X मात्रा का सेवन करना चाहिए।
7. डिजि :- कान में सिसकारी की आवाजें सुनाई दें, भनभनाहट या हिस्-हिस् की आवाजें सुनाई दे रही हो तो चिकित्सा करने के लिए डिजि औषधि की 3 शक्ति का उपयोग फायदेमंद होता है।
8. नेट्रम-सैलिसिलिकम :- सिर में चक्कर आने के साथ ही कान में गरज की आवाज हो और कान से कम सुनाई दे तो रोग को ठीक करने के लिए नेट्रम-सैलिसिलिकम औषधि की 3X मात्रा का सेवन कर सकते हैं। इस रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि की 3x मात्रा का प्रयोग प्रति 6 घंटे पर कर सकते हैं।
9. कार्बन-सल्फ :- बहरापन रोग होने के साथ ही कान में घंटे की आवाज या जोर का शब्द सुनाई पड़े तो कार्बन-सल्फ औषधि की 3 शक्ति का उपयोग करने से फायदा मिलता है।
10. साइलिसिया :- कान में बादल गरजने की आवाजें सुनाई दे रही हो तो साइलिसिया औषधि की 3 या 200 शक्ति का सेवन करने से अत्यंत लाभ मिलता है।
11. ग्रैफाइटिस :- कान में बादल गरजने के साथ ही बहरापन रोग हो लेकिन शोरयुक्त माहौल में कान सुन्न हो जाए तो इस रोग को ठीक करने के लिए ग्रैफाइटिस औषधि की 6 शक्ति उपयोगी है। कान में गड़गड़ाहट, तेज आवाजें सुनाई दें तथा गाड़ी की गड़गड़ाहट या मशीन के शोर में ठीक सुनाई पड़े और बिना शोर के ठीक से न सुनाई दे तो उपचार करने के लिए इस औषधि की 3 या 6 शक्ति का उपयोग प्रति आठ घंटे पर करने से फायदा मिलता है।
12. कैलि-आयोड :- यदि कान में आवाज सुनाई देने का रोग पुराना हो तो उसे ठीक करने के लिए कैलि-आयोड औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का उपयोग किया जाता है। इस रोग को ठीक करने में कई औषधियों के प्रयोग के बीच-बीच में हाइड्रैस्टिस औषधि की 3 और मर्क-सौल औषधि की 6 शक्ति का उपयोग किया जा सकता है।
13. विरेट्र-ऐल्बम :- यदि उल्टी आने के साथ ही कर्णनाद रोग हो गया हो तो विरेट्र-ऐल्बम औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का उपयोग लाभकारी है।
14. थियोसिनामिन :- कर्णनाद रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि की 2X या 30 शक्ति का सेवन करने से अधिक लाभ मिलेगा। कान में अजीब-अजीब सी आवाजें सुनाई दे रही हो तो इस औषधि की 1X या 2X मात्रा का उपयोग कर सकते हैं।
15. हाइड्रेस्टिस :- यदि यह रोग मुंह को कान से मिलाने वाली युस्टैकियन ट्यूबनली की सूजन के कारण हुआ हो तो इस औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का उपयोग प्रति चार घंटे पर करना चाहिए, इसके अतिरिक्त मर्क सौल औषधि की 6 शक्ति की मात्रा को प्रति चार घंटे पर उपयोग करने से भी लाभ मिल सकता है।

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