Thursday, January 16, 2020

जरायु के अर्बुद (Uterine Tumour) Introduction and homeopathic medicine

जरायु के अर्बुद (Uterine Tumour)
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परिचय- किसी-किसी स्त्री के जरायु के गर्दन या जरायु के अन्दर कई प्रकार के फोड़े या फुंसियां हो जाती है, इसे जरायु का अर्बुद कहते हैं। जरायु में ये फोड़ें-फुंसियां अकार में मटर या उड़द के दाल से लेकर आध मन तक हो सकता है। ये गिनती में एक से लेकर पचास तक हो सकते हैं। जरायु में होने वाले इन फुंसियां में से किसी-किसी फुंसी से खून और पीब निकलता है, किसी से खून नहीं भी निकलता है। इन फुंसियों में से कभी-कभी सफेद तरल पदार्थ भी निकलता है। इस रोग के कारण से रोगी स्त्री के शरीर में खून की कमी हो जाती है या बांझपन की शिकायत भी हो सकती है।


जरायु के अर्बुद को ठीक करने के लिए औषधियों से उपचार :- इस रोग को ठीक करने के लिए कैल्केरिया-आयोड औषधि की 3x मात्रा विचूर्ण लगभग एक ग्रेन की मात्रा में दिन में चार बार सेवन करना लाभकारी है।

 जरायु के अर्बुद को ठीक करने के लिए कैल्केरिया-आयोड औषधि से लाभ न मिले तो , लैकेसिस की 30 शक्ति, सिलिका की 6 शक्ति चूर्ण, हाइड्रैस्टिनिनम की 2x मात्रा विचूर्ण, थलैस्पि की 2x मात्रा या सिकेलि की 2x मात्रा का प्रयोग करना चाहिए
This is only for knowledge purpose don't use self medication. consult a doctor first. 

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