Thursday, January 16, 2020

Homeopathic medicine during delivery प्रसव के समय की लाभकारी औषधियां

प्रसव के समय की लाभकारी औषधियां
प्रसव (बच्चे को जन्म देना) के समय में लाभकारी विभिन्न प्रकार की औषधियां-
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1. ऐकोन- गर्भवती स्त्री हर समय बेचैन सी रहती है उसे डर लगता है कि बच्चे को जन्म देने के समय उसे कुछ हो ना जाए, डर के लक्षण उसके चेहरे पर साफ दिखाई देते हैं, गर्भवती स्त्री कराहती रहती है, थोड़ी-थोड़ी देर केबाद उसको होने वाला दर्द तेज होता रहता है, दर्द के कारण गर्भवती स्त्री को सांस नहीं आती, योनिद्वार औरगर्भाशय का मुंह सूखा और सख्त सा हो जाता है। इस तरह के लक्षणों में गर्भवती स्त्री को ऐकोन औषधि की 30 या 200 शक्ति देनी चाहिए।

2. आर्निका- गर्भाशय में भ्रूण के टेढ़ा हो जाने के कारण गर्भवती स्त्री की कमर में बहुत तेजी से होने वाले दर्द मेंआर्निका औषधि बहुत ही असरकारक रहती है। गर्भवती स्त्री दर्द के कारण बार-बार इधर-उधर बैठती रहती है, उसका चेहरा बिल्कुल लाल हो जाता है, प्रसव के समय बहुत ज्यादा दर्द, प्रसव ऑप्रेशन के द्वारा होना, प्रसव के समय बहुत ज्यादा खून निकल जाना, प्रसव के बाद स्राव कम होना आदि कारणों से अगर गर्भवती स्त्री कोबुखार, कमर में दर्द, सूजन और जख्म आदि लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे आर्निका औषधि की 30 या 200 शक्ति का सेवन कराना चाहिए।

3. आरम-मेट- गर्भवती स्त्री को प्रसव के समय इतना तेज दर्द होता है कि वो सोचती है कि इस दर्द से तो मौत ही अच्छी है। इस प्रकार के लक्षणों में उसे आरम-मेट औषधि देनी चाहिए।

4. बेलेडोना- गर्भवती स्त्री को प्रसव का दर्द अचानक ही उठता है, ऐसा लगता है जैसे कि पेट के अन्दर की सारी चीजें बाहर निकल पड़ेगी, इस प्रकार का दर्द काफी देर तक रहकर फिर अपने आप ही चला जाता है। गर्भवती स्त्री के गर्भाशय का मुंह लाल, सूखा, पतला और सख्त हो जाता है। इस तरह के लक्षणों में बेलेडोना औषधि की 30 या 200 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। जिन स्त्रियों को ज्यादा उम्र में प्रसव होता है उनके लिए ये बहुत ही अच्छी औषधि मानी जाती है।

5. कालोफाइलम- गर्भवती स्त्री के गर्भाशय का मुंह सख्त हो जाता है। गर्भाशय के सिकुड़ने के कारण उसे रुक-रुककर प्रसव का दर्द उठता है लेकिन गर्भाशय के मुंह के सख्त होने के कारण प्रसव देर से होता है। ऐसे लक्षणों के आधार पर कालोफाइलम औषधि की 6 या 30 शक्ति लाभ करती है।

6. कैमोमिला- गर्भवती स्त्री को बहुत तेजी से आक्षेपिक दर्द का उठना जो कमर से शुरू होकर पैरों में पहुंच जाता है। गर्भवती स्त्री को हर बार दर्द के साथ बहुत ज्यादा सफेद पेशाब आता है, दर्द के कारण गर्भवती स्त्री को रोना आ जाता है, गर्भाशय का मुंह सख्त हो जाता है ऐसे लक्षणों में कैमोमिला औषधि की 6 या 30 शक्ति का सेवन बहुत ही अच्छा साबित होता है।

7. क्लोरोफार्म- गर्भवती स्त्री के पेट के पूरे भाग में दर्द उठता है लेकिन पीठ में कुछ ज्यादा ही तेज हो जाता है। उसे ऐसा महसूस होता है जैसे कि उसकी पीठ टूट जाएगी। गर्भाशय का मुंह सख्त होने के कारण दर्द कम भी नहीं होता। इस प्रकार के लक्षणों में गर्भवती स्त्री को क्लोरोफार्म औषधि की 30 या 200 शक्ति दी जा सकती है।

8. सिमिसिफ्यूगा- गर्भवती स्त्री को प्रसव के कुछ देर पहले नकली सा दर्द उठता है। गर्भाशय के मुख का आक्षेपिक संकोचन, दर्द जो गर्भाशय में घूमता रहता है, प्रसव की प्रथम अवस्था में स्नायविक ठंड मालूम होना, प्रसव क दर्द थोड़ी देर तक होने के बाद और प्रसव का काम थोड़ा सा आगे सरककर अगर एकदम बंद हो जाता है तो ऐसे लक्षणों में सिमिसिफ्यूगा औषधि बहुत उपयोगी साबित होती है।

9. काफिया- गर्भवती स्त्री को प्रसव का दर्द उठता है लेकिन प्रसव कार्य अग्रसर नहीं होता, गर्भवती स्त्री प्रसव के दर्द से बेचैन हो उठती है लेकिन फिर भी प्रसव नहीं होता आदि लक्षणों में काफिया औषधि की 3 या 30 शक्ति लाभदायक रहती है।

10. जेल्सीमियम- गर्भावती स्त्री का प्रसव का झूठा दर्द पीठ की ओर फैल जाता है, गर्भाशय का मुख सख्त हो जाता है। गर्भवती स्त्री को ऐसा मालूम होता है जैसे कि भू्रण नीचे की ओर से ऊपर की ओर चढ़ रहा है। गर्भाशय के सख्त होने के कारण गर्भवती को पूरी तरह से दस्त नहीं आते हैं, गर्भवती स्त्री को बीच-बीच में ठंड सी महसूस होती है। इसे स्नायविक ठंड कहते हैं। गर्भवती स्त्री का चेहरा आंखे तमतमाती हुई सी लगती है, वो अचेत सी अवस्था में पड़ी रहती है, शरीर में कंपकंपी सी होती रहती है। इन लक्षणों के साथ अगर गर्भवती स्त्री की पेशियों पर स्नायु की कोई ताकत नहीं रहती और इसके कारण प्रसव होने में देरी होती है तो ऐसे लक्षणों के आधार परजेल्सीमियम औषधि की 30 या 200 शक्ति का प्रयोग करना बहुत अच्छा रहता है।

11. कैलि-कार्ब- गर्भवती स्त्री को धीरे से प्रसव का दर्द होना, कमर में तेज दर्द होना जैसे लक्षणों में कैलि-कार्बऔषधि की 30 शक्ति लाभकारी रहती है। मोटे शरीर की स्त्रियों के लिए यह औषधि बहुत ही लाभकारी सिद्ध होती है।

12. कैलि-फास- गर्भवती स्त्री के ज्यादा कमजोर होने के कारण प्रसव देरी से होना, प्रसव का दर्द धीरे-धीरे से होना जैसे लक्षणों में कैलि-फास औषधि बहुत उपयोगी साबित होती है। चिकित्सकों के अनुसार अगर प्रसव के कई महीनों पहले ही गर्भवती स्त्री को रोजाना कैलि-फास औषधि की 6x मात्रा का सेवन कराने पर स्त्री और बच्चा दोनों ही स्वस्थ रहते हैं और प्रसव के समय किसी तरह की परेशानी नहीं होती है।

13. लाइको- गर्भवती स्त्री को प्रसव का दर्द ऊपर की ओर या दांयी से बांयी ओर फैल जाता है। उसे लगता है कि वो हर समय चलती रहें, कभी-कभी किसी चीज पर पैर रखकर जोर से कांखती है। इस तरह के लक्षणों में रोगी स्त्री को लाइको औषधि का प्रयोग करना लाभकारी है।

14. मैग-फास- गर्भवती स्त्री को आक्षेपिक प्रसव का दर्द उठता है और इसके साथ ही पैरों में अकड़न सी आ जाती है। इन लक्षणों कें आधार पर गर्भवती स्त्री को मैग-फास औषधि की 6x मात्रा या 30 शक्ति दी जा सकती है।

15. सिकेलि- गर्भवती स्त्री को ऐसा लगता है जैसे कि उसके पेट की सारी चीजें बाहर निकल पड़ेगी लेकिन प्रसव का दर्द नहीं होता है। गर्भवती स्त्री को प्रसव के समय से काफी दिनों पहले ही अनियमित वेदना शुरू हो जाती है। गर्भवती स्त्री के गर्भाशय के कमजोर होने के कारण प्रसव देरी से होता है। इन लक्षणों में अगर गर्भवती स्त्री कोसिकेलि औषधि की 6 या 30 शक्ति दी जाए तो उसे लाभ होता है।

16. सल्फर- गर्भवती स्त्री के गर्भाशय के सख्त होने के कारण या भू्रण की स्थिति पेट में सही ना होने से प्रसव देर से होने में सल्फर औषधि की 30 या 200 शक्ति के प्रयोग से प्रसव का दर्द बढ़ जाता है और भ्रूण की अस्वाभाविक स्थिति को सही कर देता है और प्रसव जल्दी ही हो जाता है।

15. ओपियम- गर्भवती स्त्री को प्रसव के डर के कारण दर्द होने पर भी बताती नहीं है। उसका चेहरा तमतमाया हुआ सा मालूम होता है, उसकी आंखे चढ़ी हुई सी लगती है, गर्भवती हमेशा नींद में ही रहती है, बिस्तर पर उसे परेशानी सी महसूस होती है। इस तरह के लक्षणों में गर्भवती स्त्री को ओपियम औषधि की 30 या 200 शक्ति देनी चाहिए।

16. प्लैटिना- गर्भवती स्त्री के गर्भाशय के मुख और योनि-द्वार के दर्द के कारण प्रसव का दर्द रुक जाता है, दर्द बांयी ओर ही बना रहता है। इस तरह के लक्षणों में गर्भवती स्त्री को प्लैटिना औषधि देने से लाभ मिलता है।

17. नक्स-वोमिका- गर्भवती स्त्री हर बार दर्द के साथ बेहोशी की अवस्था में पहुंच जाती है और इसी हालत में वो टट्टी-पेशाब कर देती है, कमर में दर्द होता है जैसे लक्षणों में गर्भवती स्त्री को नक्स-वोमिका औषधि की 6 या 200 शक्ति दी जा सकती है।

18. नक्स-मस्केटा- गर्भवती स्त्री को झूठा प्रसव का दर्द धीरे-धीरे उठता है, आक्षेपिक और अनियमित प्रसव का दर्द रहता है। इस तरह के लक्षणों में गर्भवती स्त्री को नक्स-मस्केटा औषधि की 6 या 30 शक्ति लाभकारी रहती है।





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